Part-2/
तटरक्षक बल के बेड़े में शामिल होने पर इन पोतों को राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा के लिए विशेष रूप से विशिष्ट आर्थिक जोन (ईईजेड) की निगरानी, तटीय सुरक्षा और उन अन्य कार्यों को पूरा करने में लगाया जाएगा, जिनका उल्लेख तट के कार्य चार्टर में किया गया है। इन पोतों के जलावतरण के साथ ही आईसीजी के पास अब 150 पोत एवं नौकाएं और 62 विमान हो गए हैं जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इसके अलावा, 40 पोत विभिन्न भारतीय शिपयार्डों में निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं और 16 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, बेंगलुरू में किया जा रहा है, जो निरंतर उत्पन्न होने वाली समुद्री चुनौतियों से निपटने में आईसीजी की निगरानी क्षमताओं को...
more... और भी अधिक मजबूती प्रदान करेंगे।
आईसीजी को समुद्र में लगभग 400 लोगों की जान बचाने, सिविल अधिकारियों को दी गई सहायता के हिस्से के रूप में 4,500 लोगों की जिंदगी बचाने और अकेले वर्ष 2019 में 32 चिकित्सा निकासी कार्यों को पूरा करने का श्रेय है। आईसीजी की उत्कृष्ट दक्षता केवल भारतीय जल सीमा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि द्विपक्षीय सहयोग समझौतों के प्रावधानों के अनुसार मित्र तटीय देशों के साथ सहयोग करने के परिणामस्वरूप हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में दवाओं की सफल जब्ती संभव हो पाई। आईसीजी एवं अन्य अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के बीच वास्तविक समय पर सूचनाओं को साझा करने, समुचित समन्वय और गहरी समझ से ही इन कार्यों में सफलता मिली है। भारतीय ईईजेड पर पैनी नजर रखने के परिणामस्वरूप 2,000 करोड़ रुपये मूल्य की निषिद्ध वस्तुओं की जब्ती सुनिश्चित करने के साथ-साथ इसी अवधि के दौरान भारतीय जल सीमा में अवैध रूप से मछली पकड़ने के कारण 119 उपद्रवियों के साथ मछली पकड़ने वाली 30 विदेशी नौकाओं (जहाज) को पकड़ना संभव हुआ है।
रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री राज कुमार, सचिव (रक्षा वित्त) श्रीमती गार्गी कौल और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी दिल्ली में मौजूद थे, जबकि रक्षा राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक और गोवा शिपयार्ड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक भारत भूषण नागपाल (सेवानिवृत्त) इस अवसर पर गोवा में उपस्थित थे।
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एएम/आरआरएस- 6583
(रिलीज़ आईडी: 1624090)