काहेला हवा में उड़ रहे हो?
एक तो सभी ट्रेन में जनरल कोच घटा रहा है रेलवे और नई ट्रेन जो चलती है वो हमसफर, तेजस और नई एल एच बी में जनरल के साथ स्लिपर भी घटा रहा है। जबकि ए. सी. कोच में अप्रत्याशित वृध्दि।
इंटरसिटी जैसे ट्रेन में जनरल और 2S के बजाय ए. सी. और स्लिपर भी लग रहे हैं। लोग 10, 15, 20, 25 Km के लिये स्लिपर लेंगे? एसी लेंगे?
और...
more... तो और ट्रेन की स्पीड व समय सारणी भी घटिया तरीके से बनायी जाती है। पैसेंजर ट्रेन की तो कोई गिनती ही नहीं रही आज के समय में।
पता नहीं रेलवे किस तरफ बढ़ रही है?
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विक्रमशिला, वैशाली, सम्पूर्ण क्रांति जैसी ट्रेन में जनरल कोच 4 से कम है।
लोग टिकट लेकर सिर्फ इतना सोचते हैं कि कम से कम अच्छे से खड़ा होने के लिये जगह मिल जाए वही बहुत है।
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अब ट्रेन में इतनी भीड़ क्यों रहती है और उसके लिये कौन जिम्मेवार हैं ये कौन (नहीं) जानता है।
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रही बात टॉयलेट वाले खिड़की की,
तो जो लोग जनरल टिकट लिये हैं उसे तो हर ट्रेन में ऐसे ही गेट तक भरे हुए लोग मिलेंगे। ऐसे में वह 24 घंटे खड़े रह जायेंगे भीड़ को देखते हुए।
उसे कौन पूछेगा कि आओ चढ़ जाओ।
उसे जो सूझता है वो करता है।
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रेलवे सम्पत्ति की रक्षा के लिए RPF होते हैं स्टेशन पर।
दुसरे लोग क्यों कहेंगे कि खिड़की मत तोड़ो।
दुसरी ट्रेन आने वाली है।
क्यों कि जनरल टिकट वाले के लिये वही पहली और आखिरी ट्रेन है।
चढ़ गए तो पार नहीं तो गेलौ भैंस प-ई-न में ।