लोड तो एक बहाना है
बिहार के किशनगंज स्टेशन पर लगभग 150 ट्रेनें रूकती हैं और प्लेटफार्म केवल दो। ग्वालियर में तो चार प्लेटफार्म हैं, यदि एक प्लेटफार्म डेडिकेटेड ट्रैन के लिए दे दिया जाए फिर भी तीन प्लेटफार्म तो हैं।
जब इनको स्टॉप नहीं देना तो लोड का बहाना, जब किसी भी ट्रैन के लिए उस समय लोड है तो फिर बाद में हाल्ट कैसे दे दिया जाता है।
यहाँ...
more... पर हमारे किसी साथी ने कहा था कि भिंड-इटावा रूट पर डिमांड होगी तो ट्रैन मिलेगी, भिंड से भोपाल के लिए 8 साल से मांग हो रही है लेकिन ना कोई प्रपोजल भेजा जाता और न ही यहाँ के सांसद भी ज्यादा इंटरेस्ट लेते हैं
आज कल बहाना है कि इटावा में लोड ज्यादा है तब यह diverted ट्रैन कैसे निकलेंगी।
हाँ यह भी सही है कि बरौनी, सुशासन और सावरमती जैसे ट्रेनों का रुट नहीं बदलना चाहिए क्योंकि यह जिस रूट पर चलती हैं उस रूट पर बहुत सफल हैं इटावा भी किसी भी ट्रैन के रूट पर नहीं आता, और इसमें से रेलवे ने भी केवल सुशासन का प्रस्ताव भेजा हैं ना कि अन्य ट्रेनों का वो तो केवल न्यूज़ पेपर वाले ही चला रहे हैं।