GWALIOR . शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रियों को परोसे जाने वाले खाने को तैयार करने वाली बेस किचन में बुधवार को नगर निगम आैर जिला प्रशासन की टीम ने छापामार कार्रवाई की। दोपहर 12.30 बजे करीब पहुंची टीम किचन में सड़ी दाल, बदबूदार पनीर, फफूंद लगी ग्रेवी देखकर हैरान रह गई। शताब्दी के यात्रियों को खराब खाना परोसे जाने पर दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर के बाद प्रशासन की टीम कार्रवाई के लिए पहुंची थी। गांधीनगर के पास कांतिनगर में चल रही बेस किचन में मुसाफिरों को परोसे जाने वाले सूप आैर सॉस तैयार करने के लिए उबाली गई सड़ी हुई प्याज, टमाटर आैर कद्दू के साथ ही कच्चे आैर बदबू दे रहे परांठे भी जब्त कर सैंपल भरे।
कच्चे परांठे, पनीर था...
more... बदबूदार
शताब्दी एक्सप्रेस के बेस किचन में बुधवार को जब जिला प्रशासन व नगर निगम की टीम पहुंची तो यहां मुसाफिरों के लिए तैयार किए जाने वाले खाने के उपयोग में लाई जा रही सड़ी-गली सामग्री मिली। पूरे किचन में गंदगी आैर दुर्गंध थी। यहां फ्रिज में रखे पनीर से बदबू आ रही थी। यात्रियों को परोसेे जाने वाले परांठों के पैकेट अलमारी में भरे थे। अधपके परांठों में दुर्गंध आ रही थी। इन्हें शाम की शताब्दी में परोसा जाना था। टीम को एसके केटर्स कंपनी की इस किचन में कई अनियमितताएं मिलीं। टीम ने खराब खाना फिंकवाया। मौके पर मिले खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे।
शताब्दी की बेस किचन में बन रहे घटिया खाने का खुलासा दैनिक भास्कर ने पिछले दिनों किया था। घटिया खाने की पड़ताल करने भास्कर की टीम भी बेस किचन में गई थी। लेकिन यहां मौजूद कर्मचारियों ने दरवाजे नहीं खोले। भास्कर की टीम ने खिड़की से ही बेस किचन का जायजा लिया था। किचन में बन रहे खराब खाने की जानकारी रेलवे अधिकारियों को दी थी। इस पर रेलवे अधिकारियों ने बेस किचन की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी पर डाल दी। वहीं आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने इसकी जिम्मेदारी झांसी मंडल पर डाल दी थी।
डस्टबिन के पास रखा था खाना
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुभाष गुप्ता और स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारी धर्मेंद्र सोनी टीम को लेकर बेस किचन में पहुंचे थे। टीम ने किचन के अंदर देखा कि यात्रियों के लिए बना खाना डस्टबिन के पास ही रखा था। टीम ने जब एक भगौने को खोलकर देखा तो उसमें सड़े प्याज, टमाटर और कद्दू उबले रखे थे। इससे यात्रियों के लिए सॉस तैयार किया जाना था।
पनीर में हड्डी, सैंडविच में जिंदा कीड़ा
25 जुलाई को ग्वालियर से दिल्ली जा रहे व्यापारी गिर्राज बिंदल को दी गई पनीर की सब्जी में हड्डी निकली थी। उन्होंने खाना वापस करते हुए इसकी शिकायत रेलवे से की थी।
11 अगस्त को भोपाल से ग्वालियर आ रहे फूलबाग निवासी अनिल भार्गव के सैंडविच में जिंदा कीड़ा निकला था।
16 अगस्त को कोच सी-5 में सवार यात्रियों को सड़ा दही, कच्ची रोटियां और पनीर में मैदा के गट्टे दिए गए थे। खराब खाना देख करीब 150 यात्रियों ने ट्रेन में जमकर हंगामा किया था।
बदबूदार पनीर
टीम ने किचन के मैनेजर से पनीर के बारे में पूछा तो उसने कहा कि पनीर शाम को आएगा। इस पर टीम ने अन्य कमरों की तलाशी ली तो एक कमरे में पांच किलो सड़ा पनीर फ्रिज में रखा मिला। इसके अलावा कटे आलू, प्याज और टमाटर भी खुले में रखे मिले।
पैकेट पर नहीं था बैच मार्क
टीम ने किचन से ऊँ श्रेया काला नमक व बेसन के पैकेट का सैंपल लिया। इन पैकेट पर बैच मार्क नहीं था। इसके अलावा तुअर की दाल का भी सैंपल लिया और सामान को जब्त कर लिया।
ग्रेवी में लगी थी फफूंद : किचन में रखे एक भगोने में फफूंद लगी ग्रेवी रखी थी। इसके पास ही बदबू युक्त दाल रखी थी। अधिकारियों ने जब इन्हें रखने का कारण पूछा तो किचन के कर्मचारियों ने उसे फेंकने के लिए रखने की बात कही। खुले में रखे चावलों में बदबू आ रही थी।
खाना खाकर हो जाएंगे बीमार
इस मामले में हैल्थ अधिकारी डॉ. सुभाष गुप्ता का कहना है कि शताब्दी एक्सप्रेस के बेस किचन में यात्रियों के लिए जो सूप बनाया जा रहा था उसमें सड़े प्याज और टमाटर डाले गए थे। इसके अलावा किचन से सड़ी दाल, बदबूदार चावल, परांठे, सड़ा पनीर भी मिला। यदि यह खाना यात्री खा लें तो उनका बीमार होना तय है। इस मामले में एसके केटर्स के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा। इसके अलावा एनसीआर के महाप्रबंधक रमेश चंद्रा का कहना है कि यह बहुत ही गंभीर मामला है औऱ रेलवे इस मामले में जरूर कार्रवाई करेगा, क्योंकि ऐसे मामले रेलवे की छवि को खराब करते हैं।