जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। इंदौर स्वच्छता में यूं ही अव्वल नहीं है। यहां के काम के तौर तरीके भी काबिले तारीफ है। फिर चाहे सावर्जनिक निर्माण से जुड़ा काम ही क्यों न हो। साफ-सफाई और आम लोगों की चिंता और सुरक्षा के साथ 20 किलोमीटर लंबे मेट्रो का काम किया जा रहा है, जबकि जबलपुर में इसके उलट महज सात किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर निर्माण में ही जनता को रुला दिया है। पिछले एक साल से धूल-मिट्टी के बीच रेंग-रेंगकर लोग इस सड़क पर चलने मजबूर हैं।
क्या है परेशानी
जबलपुर दमोहनाका से मदन महल...
more... के बीच करीब सात किलोमीटर लंबा फ्लाई ओवर निर्माण किया जा रहा है। इस निर्माण में जनता की सुविधाओं को बिल्कुल ख्याल नहीं दिया गया। निर्माण स्थल को कवर नहीं किया गया। खुदाई के दौरान मिट्टी सड़कों पर बिखरी रही, जिसके ऊपर से ही वाहन गुजरे और वातावरण में धूल-मिट्टी उड़ती रही। सिर्फ यहीं नहीं निर्माण के दौरान जब यातायात सुगम बनाने के लिए मोटरेबल सड़क भी नहीं बनाई गई। टूटी और गड्ढे वाली सड़क पर वाहन चलने मजबूर हुए। इस दौरान कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त भी हुए। सिर्फ यहीं नहीं मदन महल गेट नंबर दो की तरफ कई माह तक सड़क को बंद रखा गया, जिसका वैकल्पिक मार्ग तक नहीं लोगों को बताया गया। ऐसे में वाहन उस सड़क पर जब अंतिम छोर तक पहुंचते तो पता चलता कि ये सड़क आगे बंद रखी गई है। बंद सड़क को कोई संकेतक नहीं लगाया गया।
खुदाई के दौरान संकेतक नहीं
मदन महल फ्लाईओवर निमार्ण करने वाले एनसीसी कंपनी ने पियर खुदाई के दौरान बड़े—बड़े गड्ढे मशीनों से खुदवाए, लेकिन उसमें संकेतक नहीं लगाए। इस वजह से वाहन चालकों को परेशानी हुई। इतना ही नहीं नियमित रूप से मोटरेबल सड़क पर धूल-मिट्टी से बचने के लिए पानी का छिड़काव भी नहीं कराया गया, जबकि नियम के अनुसार निर्माण कंपनी को दिन में दो बार नियमित पानी का सड़क पर छिड़काव करवाना था ताकि धूल-मिट्टी न उड़े। इस मामले में पिछले दिनों कलेक्टर डा.इलैयाराजा टी ने भी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ निर्माण स्थल का निरीक्षण कर सड़कों को दुरुस्त करने लायक बनाने के निर्देश दिए थे।
बल्देवबाग से निकलना मुश्किल
बल्देवबाग से आगा चौक के बीच एक तरफ से वाहनों की आवाजाही की गई है, लेकिन इसके लिए किसी तरह का संकेतक नहीं लगाया गया है। वाहनों का जाम और धूल लगातार यहां उड़ती है।
इंदौर में बेरीकेड लगाकर काम
इंदौर में मेंट्रो का काम करने वाली निर्माण एजेंसी ने बकायदा निर्माण स्थल पर बैरीकेड लगातार काम किया ताकि काम से किसी राहगीर को परेशानी न हो। जबलपुर में बैरीकेड लगाए गए हैं, लेकिन सीमित स्थानों पर इसमें आम लोगों की परेशानी कम नहीं हो पाई।
दिन में काम
इंदौर में अधिकतर खुदाई और मिट्टी को डंपर से हटाने का काम रात के वक्त किया गया, जबकि जबलपुर में दिन के साथ रात दोनों वक्त किया गया। इसके अलावा मिट्टी को डंपर में ले जाते वक्त न कवर किया गया, न ही पूरी तरह से नहीं हटाया गया।
खराब सड़क को बनाने की बजाय मिट्टी से भरा
रानीताल से बल्देवबाग के बीच सड़क पूरी तरह से खराब है। इसके अलावा चंचलबाई कालेज के सामने भी सड़क गड्डे में तब्दील हो चुकी है यहां वाहन हिचकोले लेकर चलते हैं। इस सडकों को बनाने की बजाए निर्माण कंपनी ने मिट्टी से भर दिया जिस वजह से धूल अधिक उड़ती है।
पानी का लगातार छिड़काव
निर्माण स्थल को नियमों के तहत बैरिकेड लगाकर कवर किया जाता है। धूल मिट्टी न उड़े इसके लिए लगातार पानी का छिड़काव भी हो रहा है।
-गोपाल गुप्ता, कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग